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Sunday, October 4, 2009



दोस्ती

इस दुनिया में दोस्त कम मिलेंगे,
जहाँ दुनिया नज़र फेर लेंगी,
उसी मोड़ पर तुम्हें हम मिलेंगे !

दोस्त वो जो बिन बुलाये आए,
कभी हंसाये और कभी रुलाये,
मगर हमेशा साथ निभाए !

तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की,
तुम्हारे जैसा सच्चा दोस्त जब मिल जाए,
तो हम भी खुशनसीब कहलायें !

दोस्त तू हमेशा मेरे दिल में रहना,
अगर कभी तेरी राहों में अँधेरा छाए,
तो रोशनी बनकर ये दोस्त छा जाए !








9 comments:

मनोज कुमार said...

वेदना, करुणा और दुःखानुभूति को उजागर करती भाषिक बेफिक्री से की गई आत्माभिव्यक्ति, बधाई।

शरद कोकास said...

आपको ढेर सारे अच्छे दोस्त मिले यह दुआ ।

विजयप्रकाश said...

काबिले तारीफ़ - दोस्ती के माने, दोस्त से उम्मीदें, दोस्ती की ख्वाहिश... कितना कुछ आपने इतने कम शब्दों में कह दिया.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

प्रेम है ढूँढता प्यार से आपको,
उसके दिल में हैं हसरत समाई हुई।
प्यार से उर सजाना सदा यार का,
हो वहाँ रोशनी बनके छाई हुई।

बिन बुलाए ही परवाने आ जायेंगे।
अपनी शम्मा पे जल कर वो मर जायेंगे।
शम्मा जलती रहे वो दुआ कर रहे,
जान उसपे वो कुर्बान कर जायेंगे।।

SACCHAI said...

" दोस्त तू हमेशा मेरे दिल में रहना,
अगर कभी तेरी राहों में अँधेरा हो,
तो रोशनी बनकर ये दोस्त छा जाएगा !"


" bahut hi acchi rachana ...badhai "

----- eksacchai { AAWAZ }

http://eksacchai.blogspot.com




babli, last do line agar aap ....

"agar kabhi teri rahon me andhera chhaye,
to roshani banker ye dost chha jaaye"

agar ho sake to ...aap padhker dekhana fir chaahe to badlav karana ."

Arshia Ali said...

दोस्ती को आपने बहुत सुंदर तरीके से व्याख्यायित किया है। अच्छा लगा पढकर।
करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएँ।
----------
बोटी-बोटी जिस्म नुचवाना कैसा लगता होगा?

Mahesh Sindbandge said...

decent write up and its nice too

M VERMA said...

दोस्त वो जो बिन बुलाये आए,
कभी हंसाये और कभी रुलाये,
मगर हमेशा साथ निभाए !

वाकई ऐसे दोस्त की तलब तो हरेक को होती है.

संजय भास्‍कर said...

दोस्त वो जो बिन बुलाये आए,